Explanation:
किशोरावस्था (Adolescence) 13 से 19 वर्ष तक की उम्र होती है, जिसमें शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक परिवर्तन होते हैं।
इस दौरान काम (Sexual) और संवेगात्मक (Emotional) समस्याएँ सबसे अधिक प्रभाव डालती हैं।
1. काम (Sexual) समस्याएँ:
- किशोरों में यौनिक जागरूकता (Sexual Awareness) बढ़ती है।
- कामुक विचार, विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण, यौन पहचान (Sexual Identity) की खोज शुरू होती है।
- कई बार गलत सूचनाओं, सामाजिक दबाव, और आत्म-संयम की कमी के कारण चिंता और असमंजस की स्थिति उत्पन्न होती है।
2. संवेगात्मक (Emotional) समस्याएँ:
- इस उम्र में भावनाएँ तीव्र होती हैं, और मूड में अचानक बदलाव (Mood Swings) आते हैं।
- अकेलापन, अवसाद (Depression), गुस्सा (Anger), आत्म-संदेह (Self-doubt) और आत्म-सम्मान (Self-esteem) से जुड़ी समस्याएँ सामने आती हैं।
- माता-पिता, शिक्षकों और दोस्तों के साथ विरोधाभास और संघर्ष की स्थिति बन सकती है।
अन्य विकल्पों का विश्लेषण:
- (B) शारीरिक विकास की समस्याएँ:
- यह भी किशोरावस्था की समस्या है, लेकिन काम और संवेगात्मक समस्याएँ अधिक प्रभावी होती हैं।
- (C) समायोजन की समस्याएँ:
- किशोरों को सामाजिक और पारिवारिक समायोजन में कठिनाई होती है, लेकिन यह भी काम और संवेगात्मक समस्याओं से जुड़ी होती हैं।
- (D) उपरोक्त सभी:
- सभी समस्याएँ महत्वपूर्ण हैं, लेकिन किशोरावस्था में काम और संवेगात्मक समस्याएँ सबसे अधिक प्रभाव डालती हैं।
निष्कर्ष:
किशोरावस्था की सबसे प्रमुख समस्या काम और संवेगात्मक अस्थिरता होती है।
इसलिए सही उत्तर (A) काम और संवेगात्मक समस्याएँ है। ✅
Explanation by: Vijay Sangwan
किशोरावस्था (Adolescence) 13 से 19 वर्ष तक की उम्र होती है, जिसमें शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक परिवर्तन होते हैं।
इस दौरान काम (Sexual) और संवेगात्मक (Emotional) समस्याएँ सबसे अधिक प्रभाव डालती हैं।
1. काम (Sexual) समस्याएँ:
- किशोरों में यौनिक जागरूकता (Sexual Awareness) बढ़ती है।
- कामुक विचार, विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण, यौन पहचान (Sexual Identity) की खोज शुरू होती है।
- कई बार गलत सूचनाओं, सामाजिक दबाव, और आत्म-संयम की कमी के कारण चिंता और असमंजस की स्थिति उत्पन्न होती है।
2. संवेगात्मक (Emotional) समस्याएँ:
- इस उम्र में भावनाएँ तीव्र होती हैं, और मूड में अचानक बदलाव (Mood Swings) आते हैं।
- अकेलापन, अवसाद (Depression), गुस्सा (Anger), आत्म-संदेह (Self-doubt) और आत्म-सम्मान (Self-esteem) से जुड़ी समस्याएँ सामने आती हैं।
- माता-पिता, शिक्षकों और दोस्तों के साथ विरोधाभास और संघर्ष की स्थिति बन सकती है।
अन्य विकल्पों का विश्लेषण:
- (B) शारीरिक विकास की समस्याएँ:
- यह भी किशोरावस्था की समस्या है, लेकिन काम और संवेगात्मक समस्याएँ अधिक प्रभावी होती हैं।
- (C) समायोजन की समस्याएँ:
- किशोरों को सामाजिक और पारिवारिक समायोजन में कठिनाई होती है, लेकिन यह भी काम और संवेगात्मक समस्याओं से जुड़ी होती हैं।
- (D) उपरोक्त सभी:
- सभी समस्याएँ महत्वपूर्ण हैं, लेकिन किशोरावस्था में काम और संवेगात्मक समस्याएँ सबसे अधिक प्रभाव डालती हैं।
निष्कर्ष:
किशोरावस्था की सबसे प्रमुख समस्या काम और संवेगात्मक अस्थिरता होती है।
इसलिए सही उत्तर (A) काम और संवेगात्मक समस्याएँ है। ✅