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Mr. Dubey • 52.41K Points
Coach Science

Q. टयूब लाईट के कार्य करने का सिध्दांत है।

(A) गैसों का विद्युत विसर्जन
(B) विद्युत का उष्मीय प्रभाव
(C) विद्युत का चुम्बकीय प्रभाव
(D) स्वप्रेरण
  • Correct Answer - Option(A)
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  • Filed under category Science

Explanation by: Mr. Dubey
ट्यूब लाइट का कार्य करने का सिद्धांत "गैसों का विद्युत विसर्जन" (Electrical Discharge of Gases) पर आधारित है।

ट्यूब लाइट कैसे काम करती है?

1️⃣ गैस से भरी होती है:

ट्यूब लाइट के अंदर आर्गन गैस (Argon) और कम दबाव वाली पारा वाष्प (Mercury Vapor) होती है।


2️⃣ विद्युत प्रवाह से आयनीकरण होता है:

जब ट्यूब लाइट को चालू किया जाता है, तो गैस आयनित हो जाती है और पारा वाष्प से पराबैंगनी (UV) किरणें निकलती हैं।


3️⃣ फास्फोरस कोटिंग दृश्य प्रकाश में बदलती है:

ट्यूब के अंदर की फास्फोरस कोटिंग UV किरणों को दृश्य प्रकाश (Visible Light) में बदल देती है।


इस प्रकार, ट्यूब लाइट गैसों के विद्युत विसर्जन के सिद्धांत पर कार्य करती है।


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अन्य विकल्प क्यों गलत हैं?

❌ (B) विद्युत का उष्मीय प्रभाव:

यह बल्ब (Incandescent Bulb) के लिए सही है, जिसमें फिलामेंट गर्म होकर रोशनी देता है।


❌ (C) विद्युत का चुंबकीय प्रभाव:

यह मोटरों और ट्रांसफार्मर में कार्य करता है, ट्यूब लाइट में नहीं।


❌ (D) स्वप्रेरण:

यह इंडक्टर और चोक कॉइल में होता है, ट्यूब लाइट के सीधे कार्य में नहीं आता।



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निष्कर्ष:

ट्यूब लाइट में गैसों के विद्युत विसर्जन की प्रक्रिया होती है, जिससे पराबैंगनी किरणें निकलती हैं और फास्फोरस कोटिंग के कारण सफेद रोशनी उत्पन्न होती है।

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