मारवाड़ के नृत्य - Rajsthan Art and Culture
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मारवाड़ के नृत्य :- मारवाड़ के प्रसिद्ध नृत्य – 1. घुड़ला, 2. डांडिया, 3. मछली। 1. घुड़ला :- यह सर्वाधिक शीतलाष्टमी को किया जाता है। जो चैत्र कृष्ण अष्टमी को आती है। # घुड़ला को संरक्षण रूपायन संस्थान बोरूंदा, जोधपुर ने दिया। # इसे संरक्षण स्व. कोमल कोठारी ने दिलवाया। # इस नृत्य का संबंध 1492 ई. में घटित घटना से है। इस समय मारवाड़ का शासक सातलदेव व अजमेर के सुबेदार मलू खाँ का सेनापति घुड़ले खाँ था। # घुड़ले खाँ ने पीपाड़ स्थान जोधपुर में गोर की पूजा कर रही 140 कुवारी लड़कियों का अपहरण किया। सातलदेव ने लड़कियों को छुड़वाने के लिए घुड़ले खाँ से युद्ध किया। # इस युद्ध में घुड़ले खाँ मारा गया। # वर्तमान में यह नृत्य छिद्र युक्त मटकी के साथ किया जाता है। # घुड़ले खाँ की पुत्री का नाम गिंदोली था। 2. डांडिया :- # यह नृत्य मूलतः गुजरात का है। # राजस्थान में डांडिया जोधपुर का प्रसिद्ध है। # यह सर्वाधिक अश्विन नवरात्रों में किया जाता है। यह युगल नृत्य है। # मछली :- बंजारों के खेमे में पूर्णिमा की चांदनी रात को महिलाएं गोल घेरा बनाकर खड़ी हो जाती है। इस गोल घेरे के मध्य में कुंवारी लड़की होती है। जो स्वयं को पार्वती व चांद को शिव समझकर मछली की तरह तड़पते हुए नृत्य करती है। व बेहोश हो जाने तक नृत्य करती है। # यह राजस्थान का एकमात्र नृत्य है। जो हर्षोल्लास के साथ शुरू होता है व दुःख के साथ समाप्त होता है।