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हमारी प्यारी पृथ्वी का अंत कैसे होगा । वैज्ञानिक कारण

Filed under: Geography Earth on 2022-02-05 06:52:37
धरती बीते 4.5 अरब साल से लगातार बदल रही है. सौरमंडल में उसकी जगह बदल रही है. धरती के भीतर भी विशाल भूखंड एक दूसरे से जुड़ और अलग हो रहे हैं. ब्रह्मांड की गतिविधियों, सैटेलाइट डाटा और पृथ्वी की भीतरी हलचल के आधार पर वैज्ञानिक धरती का भविष्य बताते हैं.


सौरमंडल के ठंडे कोनों से निकलकर पृथ्वी लगातार सूर्य के करीब जा रही है. सूर्य के गुरुत्व बल से होने वाले इस खिंचाव को धीमा करने के लिए परिक्रमा करती धरती अपना रूप बदलती रहती है. महाद्वीप लगातार यात्रा कर रहे हैं. इसी के चलते हिमालय जैसा पहाड़ बना. हजारों झीलें बनीं.

रिंग ऑफ फायर
टेक्टॉनिक मूवमेंट के चलते महाद्वीप इधर उधर होते हैं. धरती का गर्भ, बाहरी सतह की तुलना में बहुत गरम है. वहां का तापमान 10,000 डिग्री फारेनहाइट के बराबर है. ज्वालामुखी के अलावा जहां से यह गर्मी बाहर आती है, उसे रिंग ऑफ फायर कहा जाता है. यह गर्मी चुंबकीय क्षेत्र को बदलती है और सूर्य और चंद्रमा की ताकतों को हल्का करती है.


परिक्रमा करने में छटपटाहट
सूर्य और चंद्रमा लगातार अपनी गुरुत्वीय ताकतों से पृथ्वी की परिक्रमा को रोकने की कोशिश करते हैं. वैसे जिस दिन यह परिक्रमा रुकेगी, उसी दिन जीवन तो करीब करीब खत्म हो जाएगा.


सूर्य से शुरुआत, सूर्य से अंत
सूर्य, ब्रह्मांड में मौजूद इस महातारे की मदद से धरती पर जीवन फलता है. लेकिन वक्त गुजरने के साथ यही सूर्य धरती का पूरा विनाश भी करेगा.


बूढ़ा होता सूर्य
सूरज भी बुढ़ापे की ओर बढ़ रहा है. उसकी हाइड्रोजन पूरी तरह खत्म हो जाएगी और फिर हीलियम जलने लगेगी. वैज्ञानिक यह साबित कर चुके हैं कि बुढ़ापे की ओर बढ़ते तारों का तापमान उनकी मौत तक बढ़ता जाता है. खगोलविदों के मुताबिक सूर्य लगतार बड़ा और पहले से ज्यादा गर्म होता जा रहा है.


लाल हो जाएगी धरती
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 1.75 से 5 अरब साल बाद सूर्य की बाहरी सतह नेब्यूला (तस्वीर में) में बदल जाएगी. इससे निकलने वाली अथाह गर्मी और विकिरण धरती पर मौजूद जीवन को जलाने लगेगा. हालात ऐसे होंगे कि समुद्र तक सूख जाएंगे.


सब कुछ भस्म
इसके बाद सूर्य इतना बड़ा हो जाएगा कि वह धरती के करीब आ जाएगा. जमीन पूरी तरह लावे में बदल जाएगी. सूर्य में होने वाले अंदरूनी विस्फोट धरती को भी अपनी आगोश में ले लेंगे. फिलहाल जिसे हम भीतरी सौरमंडल कहते हैं, वह पूरी तरह ध्वस्त हो जाएगा.


धीरे धीरे वक्त के साथ सूर्य धरती के बराबर छोटा हो जाएगा. तब से सिर्फ चमकीला तारा बचेगा. इसमें दूसरे को ऊर्जा देने लायक ताकत नहीं बचेगी. फिर धीरे धीरे बुझ जाएगा. अगर धरती बच भी गई तो वक्त के साथ बेहद ठंडी हो जाएगी.


वैज्ञानिक रूप से इन दावों की पुष्टि के चलते ही इंसान मंगल जैसे ग्रहों पर इंसानी बस्ती बनाने की सोच रहा है. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि निकट भविष्य में तकनीक इतनी आगे पहुंच जाएगी कि इंसान आराम से कहीं और बस सकेगा.
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Chandan Das     View Profile
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