सबसे पहले मैं आपको यह बताने जा रहा हूँ की हमें किसी टॉपिक पर लिखने की जरुरत क्यों होती है। जैसा कि आप सभी को मालूम है इंटरमीडिएट में भी हिंदी और इंग्लिश मैं निबंध पूछे जाते हैं। और इससे ज्यादा जब कभी आप कोई बडी परीक्षा देने जाते हैं तो आपको एक निबंध जरूर पूछा जाता है। उस टाइम पर हमें एहसास होता है की हम भी काश निबंध लिख लेते और अच्छा प्रदर्शन कर पाते। निबंध न लिखने की वजह से कभी कभी लोग मेन परीक्षा मे फ़ैल हो जाते हैं और उन्हें फिर ऐसा मौका दुबारा शायद ही मिलता है किसी टॉपिक पर कैसे लिखा जाये ? (How to write on any topic) इस पैराग्राफ में मैं आपको यह चीज बताने जा रहा हूँ की किसी अननोन टॉपिक पर जिसके बारे में आपको ज्यादा जानकारी नहीं कैसे लिखना है और लिखना भी बेहद अच्छा जो की पढ़ने बाले को आकर्षित करे। हर कोई यह चाहता है कि उसका निबंध पढ़ने बाले को आकर्षित करे। किसी टॉपिक पर कैसे लिखा जाए बताने से पहले मैं आपको निबंध लिखने के लिए क्या जानना आवश्यक है यह बताने जा रहा हूँ जब आपको कोई टॉपिक लिखने के लिए दिया जाए तो आपको उसकी थीम समझनी चाहिए और उसकी रूपरेखा दिमाग में बनानी चाहिए। और उस टॉपिक को तीन भागों में बिभाजित कर लो। प्रस्तावना मुख्य भाग निष्कर्ष प्रस्तावना :- जब आपको कोई टॉपिक लिखने के दिए दिया जाता है तो उस पर एक इमेज बनाओ की मुझे किस किस चीज के बारे में लिखना है। प्रस्तवना में आप उस टॉपिक पर सामान्य विचार रखो पहले इसके बारे में क्या सोचा जाता था और अब इसके बारे में क्या बिचार रखे जाते हैं। ये सब चीज आप प्रस्तावना में रखो। और एक चीज आप कौन कौन से पॉइंट यहाँ कवर करेंगे चीज भी प्रस्तवाना में बतादो तो और ज्यादा अच्छा रहेगा। मुख्य भाग :- मुख्य भाग में लिखने के लिए आप बहुत साड़ी छोटी छोटी हेडिंग्स बनाओ और प्रत्येक हैडिंग में उस हेडिंग्स से संभंधित जानकारी दो। मुख्य भाग में आपको उस टॉपिक की पूरी जानकारी देनी है। आप हैडिंग को इस प्रकार विभाजित कर सकते हो। पहले का भाग एक हैडिंग में। आज क्या बिचार हैं। और इसे कैसे और अच्छा किया जा सकता है। इन चीजों को ध्यान में रखते हुए आप अपने टॉपिक को विभाजित कर लीजिये। हैडिंग बनाते समय आपको यह चीज भी ध्यान रखनी है कि हैडिंग ऐसी ही लिखना जिसके बारे में आपको थोड़ा बहुत पता हो। इस प्रकार आप उसपर आराम से लिख सकते हो। निष्कर्ष :- पूरे टॉपिक के बारे में लिखने के बाद आप अपनी बात का निष्कर्ष दें। निष्कर्ष से यह पता चलता है कि लिखने बाले को टॉपिक के बारे में कितना पता है। कभी कभी बस निष्कर्ष को पढ़कर भी एग्जामिनर अंक दे देते हैं। निष्कर्ष में आप अपने बिचार भी रखो कि ऐसा होता तो और अच्छा होता। या ऐसा करने से इसमें और सुधार किया जा सकता है। इस प्रकार यह आपकी इस छबि को भी दिखायेगा की आपने कितनी रूचि के साथ यह लिखा और आपको बहुत अच्छी जांनकारी भी है टॉपिक के बारे में।