1. अधिकतर वर्षा जून से सितम्बर तक होती है और वर्ष का 2/3 भाग शुष्क रहता है. तमिलनाडु में गर्मी के अलावा जाड़े में अच्छी वर्षा होती है. 2. अधिकतर वर्षा मानसून पवनों से होती है. 3. वर्षा का वितरण सर्वत्र एक-सा नहीं है. जैसे भारत के ही चेरापूंजी में वार्षिक वर्षा 425″ है तो बीकानेर में मात्र 11″. 4. वर्षा मूसलधार होती है. चक्रवाती वर्षा (cyclonic rainfall) नाममात्र की होती है. 5. वर्षा के समय से मात्र में अनिश्चितता आ सकती है अर्थात् कभी किसी स्थान में देर से या समय से पहले वर्षा शुरू या ख़त्म हो सकती और कभी वर्षा आवश्यकता से अधिक या कम हो सकती है. इसी से भारतीय कृषि का मानसून के साथ जुआ खेलना कहा गया है.