Deep Sea Floor ही सबसे अधिक विस्तृत हैं जिनमें कहीं समतल भाग या मैदान (Plain) हैं और कहीं गर्त या खाई (Deeps). समतल भाग पर कहीं टीले (Ridges) भी हैं. अथाह सागर के इस निचले तल वाले प्रदेश में नदियों द्वारा लाये गए पदार्थ नहीं पहुँच पाते. ये वास्तव में उतने ही पुराने हैं जितना स्वयं समुद्र. जहाँ तक हमें मालूम है, ये दसों करोड़ वर्ष पहले से आज तक कभी जल से रिक्त नहीं हुए. मगर इसका यह अर्थ कदापि नहीं है कि Deep Sea Floor की आकृतियों में परिवर्तन नहीं होता. ठंडी होती हुई पृथ्वी जब सिकुड़ती है और उसका भीतरी भाग सिकुड़ने के फलस्वरूप उत्तरी परत से अलग होता है और धरातल में तहें पड़ने लगती हैं और जहाँ-तहाँ फटकर दरारों के रास्ते से ज्वालामुखीय लावा निकलकर नुकीले पहाड़ का रूप धारण कर लेता है. महासागरों के भीतर अनेक ज्वालामुखी पहाड़ मिलते हैं जो समुद्र-तल के ऊपर आने पर ज्वालामुखी द्वीप बन जाते हैं. समुद्र के भीतर जलमग्न ऐसी छोटी पहाड़ियों सिलसिला भी मिलता है जो महासागरीय मैदान की समतल आकृति में रुकावट डालता है. महासागर के अथाह समुद्र तल (deep sea floor) प्रायः महाद्वीपों के निकट होते हैं, जैसे मिंदानाओ (Mindanao) जिसकी गहराई 35,640 ft. है, संसार की सबसे गहरे गर्तों में से एक है. यह Philippines के पूर्व में है. जापान के पूर्व तुसकरोरा (Tuscarora Deep) गर्त है जिसकी गहराई 29,250 ft. है, जापान से सटे है.