चोलो को पांड्यो ने सबसे पहले 1217 ई में हराया था. लेकिन वह किसी तरह वापस सत्ता में आने में सफल हो गए थे. लेकिन राजाधिराज तृतीय के राजा बनने के बाद चोल साम्राज्य कमजोर पड़ गया था. क्योंकि राजाधिराज एक कमाजोर और अयोग्य राजा था. पाण्ड्य राजा नरेश ने चोल साम्राज्य पर आक्रमण कर के राजाधिकार को बंदी बना दिया था. लेकिन उसे बाद में छोड़ दिया गया. राजाधिकार की मृत्यु के पश्चात् राजेन्द्र तृतीय चोल साम्राज्य का अगला और अंतिम राजा बना. शुरुआत में राजेन्द्र तृतीय को पाण्ड्यो ने खिलाफ़ सफलता प्राप्त हुई थी. लेकिन एक बार फिर से पांड्यो ने चोल साम्राज्य पर आक्रमण किया. जिसमे चोलो ने पांड्यो की अधीनता स्वीकार कर दी थी. इस प्रकार पाण्ड्यो के द्वारा 5 शताब्दी से शासन कर रहे और चोल साम्राज्य का अंत हुआ.