कांटेदार वन A) ये वन उन क्षेत्रों में पाए जाते हैं जहाँ वार्षिक वर्षा 50 सेमी. से कम होती है। B) इस प्रकार के वन काली मिट्टी वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं जैसे-उत्तर, पश्चिम, मध्य और दक्षिण भारत। C) इसमें दक्षिण-पश्चिमी पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के अर्द्ध-शुष्क क्षेत्र शामिल हैं। D) यहाँ के वृक्षों की ऊँचाई 10 मीटर से अधिक नहीं होती है और इसमें विभिन्न प्रकार की घास और झाड़ियाँ पाई जाती हैं। इस क्षेत्र में आमतौर पर स्परेज, कापर और कैक्टस पाए जाते हैं। E) इन वनों में पौधे लगभग पूरे वर्ष पर्णरहित रहते हैं। F) इनमें पाई जाने वाली मुख्य प्रजातियाँ बबूल, कोक्कोस, बेर, खजूर, खैर, नीम, खेजड़ी और पलास इत्यादि हैं। पर्वतीय वन 1. पर्वतीय आर्द्र समशीतोष्ण वन: A) इस प्रकार के वन उत्तरी और दक्षिणी भारत में पाए जाते हैं। B) उत्तर भारत में यह नेपाल के पूर्वी क्षेत्रों से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक 1800-3000 मीटर की ऊँचाई पर स्थित होने के साथ 200 सेमी. की न्यूनतम वर्षा प्राप्त करने वाले क्षेत्र में पाए जाते हैं। C) दक्षिण भारत में यह नीलगिरि पहाड़ियों के कुछ हिस्सों में तथा केरल के ऊँचाई वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं। D) उत्तरी क्षेत्र के वनों की तुलना में दक्षिणी क्षेत्र के वन सर्वाधिक घने हैं। E) इसका प्रमुख कारण यह है कि समय के साथ मूल वृक्षों की जगह यूकेलिप्टस जैसी तेजी से बढ़ने वाली प्रजातियों ने स्थान ले लिया है। F) रोडोडेंड्रोन, चंपा और विभिन्न प्रकार के ग्राउंड फ्लोरा यहाँ पाए जा सकते हैं। 2. पर्वतीय उपोष्णकटिबंधीय वन A) ये वन उन क्षेत्रों में पाए जाते हैं जहाँ औसत वर्षा 100-200 सेमी. होती है और तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से 22 डिग्री सेल्सियस के मध्य होता है। B) इस प्रकार के वन उत्तर-पश्चिमी हिमालय (लद्दाख और कश्मीर को छोड़कर), हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में पाए जाते हैं। C) चीड़ (pine) इस वन का मुख्य वृक्ष है इसके अतिरिक्त ओक, जामुन और रोडोडेंड्रोन भी इन वनों में पाए जाते हैं।