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पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव | Effect of western disturbance

Filed under: Geography on 2021-06-05 21:38:26
पश्चिमी विक्षोभ भारतीय उपमहाद्वीप के निचले क्षेत्रों में हल्की से भारी वर्षा और पहाड़ी क्षेत्रों में भारी हिमपात लाने में सहायक होता है.

जब पश्चिमी विक्षोभ आता है तो आकाश में बादल छा जाते हैं और रात का तापमान बढ़ जाता है और असमय वर्षा होती है. इस वर्षा का खेती के लिए, विशेषकर रबी फसलों के लिए, बड़ा महत्त्व है. इससे गेहूँ को लाभ होता है जो भारत के लिए एक महत्त्वपूर्ण फसल है और जिसका भारत की खाद्य सुरक्षा में बड़ा योगदान है.

यदि पश्चिमी विक्षोभ से अधिक वर्षा हो गयी तो फसल नष्ट हो सकती है तथा साथ ही भूस्खलन, हिमस्खलन और बाढ़ जैसी आपदाएँ घट सकती हैं. गंगा-यमुना के मैदानों में इससे कभी-कभी ठंडी हवाएं चलनी लगती हैं और घाना कुहासा छा जाता है.

जब पश्चिमी विक्षोभ मानसून आने के पहले पश्चिमोत्तर भारत की ओर आता है तो कुछ समय के लिए मानसून अपने समय से पहले ही आया हुआ प्रतीत होने लगता है.
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Krishna Sharma     View Profile
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