पूर्वोत्तर मानसून से देश के देश के 36 मौसम वैज्ञानिक विभागों में से मात्र पाँच में ही वर्षा होती है. इन पाँच विभागों में ये क्षेत्र आते हैं – पुडुचेरी सहित तमिलनाडु, केरल, तटवर्ती आंध्र प्रदेश, रायलसीमा और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक. इस प्रकार पूर्वोत्तर मानसून भारत की सम्पूर्ण वार्षिक वर्षा (1,187 mm) में मात्र 11% का योगदान करती है. दूसरी ओर, ग्रीष्मकालीन मानसून से सम्पूर्ण वृष्टिपात का 75% होता है. शेष 14% वर्षा अन्य मानसून-विहीन महीनों में होती है.